कंठ समंदर का भी सूख जाता, जब शहादत पर मेरी जननी अंतिम आरती उतारती। कंठ समंदर का भी सूख जाता, जब शहादत पर मेरी जननी अंतिम आरती उतारती।
धन्य हो तुम जो ये सब कुछ बड़ी निष्ठा से कर जाती हो। धन्य हो तुम जो ये सब कुछ बड़ी निष्ठा से कर जाती हो।
हवाओं में बहता हुआ, बसंत आ गया है। हवाओं में बहता हुआ, बसंत आ गया है।
चलो हम शांति का दूत बन एक साथ मिलकर भारत माँ को सशक्त एवं सबल बनाएँ...! चलो हम शांति का दूत बन एक साथ मिलकर भारत माँ को सशक्त एवं सबल बनाएँ...
अमन शान्ति के बन पुजारी खिला दी देश की बगिया प्यारी। अमन शान्ति के बन पुजारी खिला दी देश की बगिया प्यारी।
बाँटती बूँदे रसीली प्रीत की जब चिट्ठियाँ खटखटाती हैं ठुमक कर द्वार मन का रात प्रियतम। बाँटती बूँदे रसीली प्रीत की जब चिट्ठियाँ खटखटाती हैं ठुमक कर द्वार मन क...